ई- श्रम कार्ड क्या है-
जो श्रमिक असंगठित क्षेत्र में कार्य करते है तथा जिनकी मासिक आय 15000 रुपए से कम है, उन सभी श्रमिकों का भारत सरकार द्वारा ई- श्रम कार्ड बनाया जा रहा है |
असंगठित क्षेत्र में कार्य करने वाले श्रमिको को लाभ पहुचने के लिए भारत सरकार द्वारा 21 अगस्त 2021 को E Shram Portal शुरू किया गया है | इस पोर्टल में उन सभी श्रमिको का पंजीकरण किया जा रहा है जो असंगठित क्षेत्र में कार्य करते है तथा जिनकी मासिक आय 15000 से अधिक नहीं है | जब श्रमिक ई श्रम पोर्टल में पंजीकरण करा लेता है तब उसको सरकार द्वारा दी जाने वाली अनेक कल्याणकारी योजनाओ का लाभ मिलने लगता है |
जिस प्रकार लगभग सभी प्रदेशों की सरकारों द्वारा लेबर कार्ड बनाये जाते है| और उन श्रमिको का लेबर कार्ड बनाने के बाद अनेक तरह की कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जाती है| और उन कल्याणकारी योजनाओ के द्वारा श्रमिको को आर्थिक लाभ प्रदान किये जाते है|
जैसे की उत्तर प्रदेश में UPBOCW द्वारा भवन निर्माण के क्षेत्र में कार्य करने वाले श्रमिकों के लेबर कार्ड बनाये जाते है | तथा UPSSB पोर्टल द्वारा भवन निर्माण के क्षेत्र में कार्य करने वाले श्रमिकों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में कार्य करने वाले असंगठित श्रमिकों के लेबर कार्ड बनाये जाते है | और उन श्रमिकों के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जाती है|
इसी प्रकार अन्य प्रदेश की सरकारों द्वारा भी अपने प्रदेश में रहने या कार्य करने वाले श्रमिकों के लेबर कार्ड बनाये जाते है |
इसी तरह अब श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत साकार द्वारा ई श्रम कार्ड बनाये जाते है |
लेकिन जिस प्रदेश का लेबर कार्ड बना होता है, श्रमिक उसी प्रदेश में रह कर मजदूरी करता है तो ही उस श्रमिक को लेबर कार्ड की योजनाओं का लाभ मिल पाता है| यदि श्रमिक मजदूरी करने किसी दूसरे प्रदेश में चला जाता है तो उस श्रमिक को लेबर कार्ड की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है| और इस तरह के श्रमिकों का दूसरे प्रदेश में भी किसी सरकारी योजना का लाभ नही मिल पाता है|
इस तरह की अनेक परेशानियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने अब ई श्रम कार्ड बनाने का काम शुरू किया है| जो की पूरे भारत में मान्य होगा| श्रमिक किसी भी प्रदेश में रहे उसका ई श्रम कार्ड हर जगह मान्य होगा और उसको केंद्र सरकार के द्वारा दी जाने वाली योजनाओं का लाभ मिलता रहेगा|
असंगठित श्रमिक या कामगार कौन होता है:-
कोई भी श्रमिक या कामगार जो कि-
1- गृह-आधारित कामगार या श्रमिक हो जैसे कि मकान बनाने, मकान की साफ सफाई करने, घरेलू नौकर, घरों में खाना बनाने, सब्जी बेचने आदि
2- स्व-नियोजित कामगार या श्रमिक हो जैसे कि- दुकानदार, फेरीवाला, सब्जी वाला, मोची, बढ़ई का कार्य करने वाले आदि सभी स्व-नियोजित कामगार या श्रमिक होते है|
3- ऐसे श्रमिक जो कि असंगठित
क्षेत्र में कार्य करते हो और उनको वेतन मिलता हो लेकिन वे श्रमिक ईएसआईसी या ईपीएफओ (भविष्य निधि) के सदस्य
नहीं हो, ऐसे श्रमिको या कामगारों को असंगठित कामगार कहा जाता है|
असंगठित क्षेत्र क्या होता है:-
असंगठित क्षेत्र ऐसे कार्य क्षेत्रों को कहा जाता है जहां कोई प्रतिष्ठान या इकाई किसी वस्तुओं का उत्पादन करती है या कोई सेवा उपलब्ध कराती है या फिर वस्तुओं की बिक्री करती है और अपने प्रतिष्ठान या इकाई में 10 से कम कामगारों या श्रमिको को नियोजित करती है इसके साथ ही ये इकाइयाँ एसआईसी और ईपीएफओ (भविष्य निधि) के अंतर्गत कवर नहीं हैं। इस तरह के क्षेत्रों कोअसंगठित क्षेत्र कहा जाता है|
किन श्रमिकों का बनेगा ई- श्रम कार्ड :-
ऐसे श्रमिक जो असंगठित क्षेत्र में कार्य करते है, अपना ई- श्रम कार्ड बनवा सकते है | जैसे-
- छोटे दुकानदार, दर्जी, मोची, सब्जी बेचने वाले, रेहड़ी पटरी वाले, रिक्शा चलने वाले
- ऑटो रिक्शा चालक, वाहन चालक, बस या ट्रक में हेल्परी करने वाले
- घरों में साफ सफाई करने वाले, खाना बनाने वाले श्रमिक, घरेलू नौकर
- खेतों में काम करने वाले श्रमिक,
- दिहाड़ी मजदूर, भवन निर्माण के क्षेत्र में कार्य करने वाले श्रमिक
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